भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालीं महिलों के लिए खुशखबरी है। यदि आप अपना कोई कारोबार शुरू करना चाहती हैं या पहले से चल रहे व्यवसाय को आगे बढ़ावा देना चाहती हैं और पैसों की दिक्कत है तो चिंता मत करिए ग्रामीण विकास मंत्रालय आपको आसानी से ऋण उपलब्ध कराएगी।
इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भारत के 10 बैंकों से समझौता किया हुआ है। ये बैंक आपको कम ब्याज पर आसानी से लोन उपलब्ध करा देंगें।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने ग्रामीण उद्यमी महिलों के वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए 9 सार्वजानिक क्षेत्र के बैंक तथा 1 निजी क्षेत्र के बैंक के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया हुआ है। इस बात जानकारी के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी किया।
कौन-कौन से बैंक से लोन मिलेगा?
सार्वजानिक क्षेत्र के बैंक
- Bank of Baroda
- Bank of India
- Bank of Maharashtra
- Canara Bank
- Central bank of india
- Indian Bank
- Indian Overseas Bank
- Punjab national Bank
- Uco Bank
निजी क्षेत्र का बैंक
- IDBI bank Limited
सरकार की योजना क्या है?
जिन 10 बैंकों के साथ समझौता हुआ है, उन बैंकों ने DAY-NRLM के जरिये व्यक्तिगत रूप से ग्रामीण महिला उद्यमीयों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने के लिए विशिष्ट ऋण योजना तैयार किया है। इस तरह से तैयार ऋण योजना से महिला उद्यमी को अपने व्यापर को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण महिला जो नया व्यापर शुरू करना चाहती हैं, उनको उनकी जरुरत के हिसाब से आसानी से ऋण मिलेगा।
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ग्रामीण विकास सचिव “शैलेश कुमार सिंह” ने उन सभी 10 बैंकों को सलाह दी है कि इस अवसर का लाभ लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ शुरू करने के लिए वित्तपोषित करें और महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को बेहतर परिसंपति प्रदान करें। इससे ग्रामीण क्षेतों में रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण सहायता होगी एवं बहुत सी महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को बेहतर लाभ मिलेगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव चरणजीत सिंह ने कहा कि बैंकों ने जो विशिष्ट ऋण योजना बनाई है इसकी जानकारी उन सभी बैंकों के शाखा मेनेजर को होनी चाहिए ताकि ग्रामीण महिलाओं को शाखा स्तर पर ऋण प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो।
DAY-NRLM के इस विशिष्ट ऋण योजना में महिला स्वयं सहायता समूह एवं बैंकों के सहयोग में तेजी से वृद्धि देखि गई है। बैंकों द्वारा ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह को मिशन की शुरुआत से अब तक 9.5 करोड़ धनराशी ऋण उपलब्ध करा चुके हैं। व्यक्तिगत रूप से ऋण देने की शुरुआत एक रणनीतिक बदलाव है जिससे ग्रामीण महिलाएं छोटे स्तर पर अपना व्यवसाय शुरू कर बड़े स्तर पर इसे आगे बढ़ाने की आकांक्षा रख सकें।
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